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सूखे पत्ते सा है हमारा जीवन

सूखे पत्ते सा है हमारा जीवन

न कर दिल ए नादान
ऐसे ख्वाब की ख्वाहिश
जिससे कि तुम दर्द के
अथाह सागर में डूब जाओ।
व्यवहार ही जीवन की सार है
जिससे व्यक्ति बनता है महान
न जाने डाल से हम कब टूट जाए
सूखे पत्ते सा है हमारा जीवन।
बढ़ते हुए कदमों को तुम मत रोको
समय का पहिया बोल रहा है
दो दिन की बची है जिंदगी
जो करना है तुम्हें आज ही कर लें।
सिर्फ चलती हुई सांसों को तो
जिंदगी कहा नही जा सकता है
 बुढ़ापे में व्यक्ति नया सृजन नही कर सकता 
सूखे पत्ते सा है हमारा जीवन।
बार बार ना जन्म मिलेगा
समय बहुत कम है खुद को बदल लें
अपने जीवन का उद्धार करना है तो
अपनी आत्मा से तू प्यार कर लें।
सफर तो सफर है जिंदगी का
उसकी अजब है कहानी
जो निकले है जहा से, उन्हें वही है लौटकर जाना
सूखे पत्ते सा है हमारा जीवन।

नूतन लाल साहू

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3 Comments

Mohammed urooj khan

13-Feb-2024 01:00 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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नंदिता राय

12-Feb-2024 06:36 PM

Nice

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Gunjan Kamal

12-Feb-2024 03:04 PM

शानदार

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